वायुमंडल क्या है :-
पृथ्वी को चारों ओर से घेरे हुए वायु के विस्तृत फैलाव को वायुमंडल (Atmosphere) कहते हैं। वायुमंडल की ऊपरी परत के अध्ययन को वायुर्विज्ञान (Aerology) और निचली परत के अध्ययन को ऋतु विज्ञान (Meteorology) कहते हैं।
आयतन के अनुसार वायुमंडल में (तीस मील के अन्दर) विभिन्न गैसों का मिश्रण इस प्रकार है नाइट्रोजन 78.07%, ऑक्सीजन 20.93%, कार्बन-डाइऑक्साइड 0.03% और आर्गन 0.93% ।
✻ वायुमंडल में पाये जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण गैस :-
1. नाइट्रोजन :- इस गैस की प्रतिशत मात्रा सभी गैसों से अधिक है। नाइट्रोजन की उपस्थिति के कारण ही वायुदाब, पवनों की शक्ति तथा प्रकाश के परावर्तन का आभास होता है। इस गैस का कोई रंग, गंध अथवा स्वाद नहीं होता। नाइट्रोजन का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह वस्तुओं को तेजी से जलने से बचाती है। यदि वायुमंडल में नाइट्रोजन न होती तो आग पर नियंत्रण रखना कठिन हो जाता। नाइट्रोजन से पेड़-पौधों में प्रोटीनों का निर्माण होता है, जो भोजन का मुख्य अंग है। यह गैस वायुमंडल में 128 किलोमीटर की ऊँचाई तक फैली हुई है।
2. ऑक्सीजन :- यह अन्य पदार्थों के साथ मिलकर जलने का कार्य करती है। ऑक्सीजन के अभाव में हम ईंधन नहीं जला सकते। अतः यह ऊर्जा का मुख्य स्रोत है। यह गैस वायुमंडल में 64 किलोमीटर की ऊंचाई तक फैली हुई है, परन्तु 16 किलोमीटर से ऊपर जाकर इसकी मात्रा बहुत कम हो जाती है।
3. कार्बन डाइऑक्साइड :- यह सबसे भारी गैस है और इस कारण यह सबसे निचली परत में मिलती है फिर भी इसका विस्तार 32 किमी की ऊँचाई तक है। यह गैस सूर्य से आने वाली विकिरण के लिए पारगम्य तथा पृथ्वी से परावर्तित होने वाले विकिरण के लिए अपारगम्य है। अतः यह काँच घर या पौधा घर (Green house) प्रभाव के लिए उत्तरदायी है और वायुमंडल के निचली परत को गर्म रखती है।
4. ओजोन :- यह गैस ऑक्सीजन का ही एक विशेष रूप है। यह वायुमंडल में अधिक ऊँचाइयों पर ही अति न्यून मात्रा में मिलती है। यह सूर्य से आने वाली तेज पराबैंगनी विकिरण (Ultraviolet Radiations) के कुछ अंश को अवशोषित कर लेती है यह 10 से 50 किमी की ऊँचाई तक केन्द्रित है। वायुमंडल में ओजोन गैस की मात्रा में कमी होने से सूर्य की पराबैंगनी विकिरण अधिक मात्रा में पृथ्वी पर पहुँच कर कैंसर जैसी भयानक बीमारियाँ फैला सकती है।
5. जलवायु :- वायुमंडल में जलवाष्प सबसे अधिक परिवर्तनशील तथा असमान वितरण वाली गैस है। वायुमंडल के सम्पूर्ण जलवाष्प का 90% भाग 8 किमी. की ऊँचाई तक सीमित है। इसके संघनन होने के कारण बादल, वर्षा, कुहरा, ओस, तुषार, हिम आदि का निर्माण होता है। विभिन्न प्रकार के तूफानों को जलवाष्प से ही ऊर्जा प्राप्त होती है। जलवाष्प सूर्य से आने वाले सूर्यातप के कुछ भाग को अवशोषित कर लेता है तथा पृथ्वी द्वारा विकिरित ऊष्मा ऊर्जा प्राप्त होती है। जल वाष्प सूर्य से आने वाले सूर्यातप के कुछ भाग को अवशोषित कर लेता है तथा पृथ्वी द्वारा विकिरित ऊष्मा को संजोए रखता है। इस प्रकार यह एक कंबल का काम करता है, जिससे पृथ्वी न तो अत्यधिक गर्म और न ही अत्यधिक ठण्डी हो सकती है। जलवाष्प के संघनन से वृष्टि होती है। वायुमंडल की स्थिरता भी जलवाष्प से नियंत्रित होती है।
नोट :- जलवाष्प के अलावा सूर्यातप तथा सौर विकिरण का अवशोषण ऑक्सीजन, ओजोन तया कार्बन डाइऑक्साइड गैसे करती हैं
► आकाश का रंग नीला धूल-कण के कारण ही दिखाई देता है।
► पृथ्वी के ताप को बनाये रखने के लिए उत्तरदायी है CO2, एवं जलवाष्प ।
यह भी पढ़े विद्युत धारा,1 एंपियर,धारा के छोटे मात्रक,धारा वाहक,धारा घनत्व का अध्ययन
✻ वायुमंडल की परतें NCERT / वायुमंडल की परतें in Hindi / वायुमंडल की 5 परतों के नाम :-
✻ वायुमंडल को निम्न परतों में बाँटा गया है -
1. क्षोभमंडल (Troposphere): ► यह वायुमंडल का सबसे नीचे वाली परत है।
► इसकी ऊंचाई ध्रुवों पर 8 किमी. या विषुवत रेखा पर लगभग 18 किमी. होती है।
► क्षोभ मंडल में तापमान की गिरावट की दर प्रति 165 मीटर की ऊँचाई पर 1°C अथवा 1 किमी. की ऊँचाई पर 6.4°C होती है ।
► सभी मुख्य वायुमंडलीय घटनाएँ जैसे बादल, आँधी एवं वर्षा मंडल में होती हैं।
► इस मंडल को संवहन मंडल कहते हैं, क्योंकि संवहन धाराएँ मंडल की सीमा तक सीमित होती हैं। इस मंडल को अधो मंडल भी कहते हैं।
2. समतापमण्डल (Stratosphere) :- ► समताप मंडल 18 से 32 किमी. की ऊँचाई तक है इसमें
ताप समान रहता है। समताप मंडल की मोटाई ध्रुवों पर सबसे अधिक होती है, कभी-कभी विषुवत् रेखा पर इसका लोप हो जाता है।
► इसमें मौसमी घटनाएँ जैसे आँधी, बादलों की गरज, बिजली कड़क धूल-कण एवं जल वाष्प आदि कुछ नहीं होती हैं।
► इस मंडल में वायुयान उड़ाने की आदर्श दशा पायी जाती है।
► कभी-कभी इस मंडल में विशेष प्रकार के मेघों का निर्माण होता है, जिन्हें मूलाभ मेघ (Mother of pearl cloud) कहते हैं।
3. ओजोन मंडल
(Ozonosphere) :- ► धरातल से 32 किमी से 60 किमी के मध्य ओजोन मंडल है।
►
इस मंडल में ओजोन गैस की एक परत पायी जाती है, जो सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों को अवशोषित कर लेती है। इसलिए इसे पृथ्वी का सुरक्षा कवच कहते हैं।
► ओजोन परत को नष्ट करने वाली गैस CFC (Chloro-floro carbon) है, जो एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर आदि से निकलती है। ओजोन परत में क्षरण CFC में उपस्थित सक्रिय क्लोरीन (cl) के कारण होती है।
► ओजोन परत की मोटाई मापने में डाबसन इकाई का प्रयोग किया जाता है।
► इस मंडल में ऊंचाई के साथ तापमान बढ़ता जाता है; प्रति एक किमी की ऊंचाई पर तापमान में 5°C की वृद्धि होती है।
4. आयन मंडल (ionosphere) :-
► इसकी ऊँचाई 60 किमी से 640 किमी तक होती है। यह भाग कम वायुदाब तथा पराबैंगनी किरणों द्वारा आयनीकृत होता रहता है।
► इस मंडल में सबसे नीचे स्थित D-layer long radio waves एवं E1,E2 और F1,F2 परतों से short radio wave परावर्तित होती है जिसके फलस्वरूप पृथ्वी पर रेडियो, टेलीविजन, टेलिफोन एवं रडार आदि की सुविधा प्राप्त होती है। संचार उपग्रह इसी मंडल में अवस्थित होते है।
5. बाह्यमंडल (Exosphere) :-
► 640 किमी से ऊपर के भाग को बाह्यमंडल कहा जाता है।
► इसकी कोई ऊपरी सीमा निर्धारित नहीं है।
► इस मंडल में हाइड्रोजन एवं हीलियम गैस की प्रधानता होती है।
► इस मंडल की महत्वपूर्ण विशेषता इसमें औरोरा आस्ट्रालिस एवं औरोरा बोरियालिस की होने वाली घटनाएँ हैं। औरोरा का शाब्दिक अर्थ होता है प्रातःकाल (dawn) जबकि बोरियालिस तथा आस्ट्रालिस का अर्थ क्रमशः 'उत्तरी' एवं 'दक्षिणी होता है। इसी कारण उन्हें उत्तरी ध्रुवीय प्रकाश (aurora borealis) एवं दक्षिणी ध्रुवीय प्रकाश (aurora australis) कहा जाता है।
► वास्तव में औरोरा ब्रह्माण्डीय चमकते प्रकाश होते हैं, जिनका निर्माण चुम्बकीय तूफान के कारण सूर्य की सतह से विसर्जित इलेक्ट्रॉन तरंग के कारण होता है।
► औरोरा ध्रुवीय आकाश में लटके विचित्र बहुरंगी आतिशबाजी की तरह दिखाई पड़ते हैं येप्रायः आधी रात के समय दृष्टिगत होते है।
यह भी पढ़े सौर मण्डल और इनके ग्रहों की महत्वपूर्ण जानकारी
✻ सूर्यातप (Insolation) :-
► सूर्य से पृथ्वी तक पहुँचने वाले सौर विकिरण ऊर्जा सूर्यातप कहते हैं। यह ऊर्जा लघु तरंगों के रूप में सूर्य से पृथ्वी पर पहुँचती है। वायुमंडल की बाहरी सीमा पर सूर्य से प्रति मिनट प्रति वर्ग सेमी. पर 1.94 कैलोरी ऊष्मा प्राप्त होती है।
► किसी भी सतह को प्राप्त होने वाली सूर्यातप की मात्रा एवं उसी सतह से परावर्तित की जाने वाली के बीच का अनुपात एल्बिडो कहलाता है। सौर विकिरण का यह परावर्तन लघु तरंगों में ही होता है।
► की बाह्य सीमा पर प्राप्त होने वाले सौर विकिरण लगभग 32% भाग बादलों की सतह से परावर्तित तथा धूल-कणों से प्रकीर्णित होकर अन्तरिक्ष में लौट जाता है। सूर्यातप का लगभग 2% भाग धरातल से परावर्तित होकर अन्तरिक्ष में वापस चला जाता है। इस प्रकार सौर विकिरण का 34% भाग धरातल को ,गर्म करने के काम में नहीं आता ।
► पूर्ण मेघाच्छादन के समय सूर्य के प्रकाश में कमी मूल कारण परावर्तन होता है, न कि अवशोषण।
► पृथ्वी सौर्यिक विकिरण द्वारा प्रसारित ऊर्जा का 51% भाग प्राप्त करती है।
► वायुमंडल सौर्यिक ऊर्जा का केवल 14% ही ग्रहण कर पाता है।
✻ वायुमंडल गर्म तथा ठण्डा निम्न विधियों से होता हैं -
1. विकिरण (Radiation) :- किसी पदार्थ को ऊष्मा तरंगों के संचार द्वारा सीधे गर्म होने को विकिरण कहते उदाहरणतया, सूर्य से प्राप्त होनेवाली किरणों से पृथ्वी तथा उसका वायुमंडल गर्म होते हैं। यही एकमात्र ऐसी प्रक्रिया है, जिससे ऊष्मा बिना किसी माध्यम के, शून्य से होकर भी यात्रा कर सकती है। सूर्य से आने वाली लघु तरंगों वाली होती हैं, जो वायुमंडल को बिना अधिक गर्म किये ही उसे पार करके पृथ्वी तक पहुँच जाती हैं। पृथ्वी पर पहुँची हुई किरणों का भाग पुनः वायुमंडल में चला जाता है। इसे भौमिक विकिरण (Terrestrial Radiation) कहते भौमिक विकिरण अधिक लम्बी तरंगों वाली किरण होती हैं जिसे वायुमंडल सुगमता से अवशोषित कर लेता है अतः वायुमंडल सूर्य से आने वाले सौर विकिरण की अपेक्षा भौमिक विकिरण से अधिक गर्म होता है।
2. संचालन (Conduction) :- असमान ताप वाली दो वस्तुएँ एक-दूसरे के सम्पर्क में आती है, तो अधिक तापमान वाली वस्तु से कम तापमान वाली वस्तु की ओर ऊष्मा प्रवाहित होती है। का यह तब तक चलता रहता है जब तक दोनों का तापमान एक जैसा न हो जाए वायु ऊष्मा की अतः संचालन प्रक्रिया वायुमंडल को गर्म करने के कम महत्वपूर्ण है। इससे वायुमंडल की केवल निचली परते ही गरम होती हैं ।
3. संवहन (Convection) :- किसी गैसीय अथवा तरल पदार्थ के एक भाग से दूसरे भाग की ओर उसके अणुओं द्वारा ऊष्मा के संचार को संवहन कहते हैं। यह संचार गैसीय तथा तरल पदार्थों में इसलिए होता है, क्योंकि उनके अणुओं के बीच का सम्बन्ध कमजोर होता है। यह प्रक्रिया ठोस पदार्थों में नहीं होती है। जब वायुमंडल की निचली परत भौमिक विकिरण अथवा संचालन से गर्म हो जाती है तो उसकी वायु फैलती है जिससे उसका घनत्व कम हो जाता है। घनत्व कम होने से वह हल्की हो जाती है और ऊपर को उठती है । इस प्रकार वह वायु निचली परतों की ऊष्मा को ऊपर ले जाती है। ऊपर की ठंडी वायु उसका स्थान लेने के लिए नीचे आती है और कुछ देर बाद वह भी गर्म हो जाती है। इस प्रकार संवहन प्रक्रिया द्वारा वायुमंडल क्रमश नीचे से ऊपर गर्म होता रहता है। वायुमंडल गर्म होने में यह मुख्य भूमिका निभाता है।
4. अभिवहन (Advection) :- इस प्रक्रिया में ऊष्मा का क्षेतीज दिशा में स्थानान्तरण होता है। गर्म वायु-राशियाँ जब ठंडे इलाकों में जाती है, तो उन्हें गर्म कर देती हैं। इससे ऊष्मा का संचार निम्न अक्षांशीय क्षेत्रों से उच्च अक्षांशीय क्षेत्रों तक भी होता है। वायु द्वारा संचालित समुद्री धाराएँ भी उष्ण कटिबन्धो के ध्रुवीय क्षेत्रों में ऊष्मा का संचार करती हैं।
✻ समताप रेखा : -
वह कल्पित रेखा है, जो समान तापमान वाले स्थानों को मिलाती है।
समताप रेखाओं तथा तापमान के वितरण के निम्न लक्षण है -
1. समताप रेखाएं पूर्व-पश्चिम दिशा में अक्षांशों के लगभग समानान्तर खीची जाती है। इसका कारण यह है कि एक ही अक्षांश पर स्थित सभी स्थानो पर एक ही मात्रा में सूर्यातप प्राप्त होता है और तापमान भी लगभग एक जैसा ही होता है।
2. जल और स्थान पर तापमान भिन्न होते हैं अत तटों पर समताप रेखाएँ अकस्मात् मुड़ जाती हैं।
3. दक्षिणी गोलार्द्ध में जल भाग अधिक है और वहाँ पर तापमान संबंधी विषमताएँ कम पायी जाती हैं। इसके विपरीत उत्तरी गोलार्द्ध में जल-भाग कम है और वहाँ पर तापमान सम्बन्धी विषमताएँ अधिक पायी जाती है। इस कारण दक्षिणी गोलार्द्ध में समताप रेखाओं में मोड़ कम आते हैं और उनकी पूर्व-पश्चिम दिशा अधिक स्पष्ट है।
4. समताप रेखाओं के बीच की दूरी से ताप प्रवणता (तापमान के बदलने की दर ) का अनुमान लगाया जा सकता है। यदि समताप रेखा एक दूसरे के निकट होती है तो ताप प्रवणता अधिक होती हैं। इसके विपरीत यदि समताप रेखाएं एक दूसरे से दूर होती है ताप प्रवणता कम होती है।
5. उष्ण-कटिबंधीय प्रदेश में तापमान अधिक होता है अत: अधिक मूल्य वाली समताप रेखाएँ उष्ण कटिबन्ध में होती हैं। ध्रुवीय प्रदेशों में तापमान बहुत ही कम होता है अतः वहाँ पर कम मूल्य की समताप रेखाएँ होती हैं।
6. संसार के अधिकांश क्षेत्रों के लिए जनवरी एवं जुलाई के महीनों में न्यूनतम अथवा अधिकतम तापमान पाया जाता है। यही कारण है कि तापमान विश्लेषण के लिए बहुधा इन्हीं दो महीनों को चुना जाता है।
✻ तापान्तर (Range of Temperature) :-
अधिकतम तथा न्यूनतम तापमान के अंतर को तापान्तर कहते हैं।
यह दो प्रकार का होता है -
1. दैनिक तापान्तर :- किसी स्थान पर किसी एक दिन के अधिकतम तथा न्यूनतम तापमान के अन्तर को वहाँ का दैनिक तापान्तर कहते हैं। ताप में आये इस अंतर को ताप परिसर कहते हैं।
2. वार्षिक तापान्तर :- जिस प्रकार दिन तथा रात के तापमान में अन्तर होता है, उसी प्रकार ग्रीष्म तथा शीत ऋतु के तापमान में भी अन्तर होता है। अतः किसी स्थान के सबसे गर्म तथा सबसे ठंडे महीने के मध्यमान तापमान के अन्तर को वार्षिक तापान्तर कहते हैं। विश्व में सबसे अधिक वार्षिक तापान्तर 65.5°C साइबेरिया में स्थित बईखोयांस्क नामक स्थान का है।
► किसी भी स्थान विशेष के औसत तापक्रम तथा उसके अक्षांश के औसत तापक्रम के अन्तर को तापीय विसंगति कहते हैं।
✻ वायुमंडलीय दाब, पवन पर्व वायुराशियां :-
वायुदाब :- सामान्य दशाओं में समुद्र तल पर वायुदाब पारे के 76 सेमी. या 760 मिमी. ऊँचे स्तम्भ द्वारा पड़ने वाला दाब होता है। वायुदाब बैरोमीटर से मापा जाता है। वायुमंडलीय दाब को मौसम के पूर्वानुमान के लिए एक महत्वपूर्ण सूचक माना जाता है।
► वायुमंडलीय दाब की इकाई बार (bar) है (1 bar = 105N/m2 )।
✻ समदाब रेखा :-
वह कल्पित रेखा जो समुद्र तल के बराबर घटाये हुये समान वायुदाब वाले स्थानों को मिलाती है समदाब रेखा (Isobar) कहते हैं। वायुदाब को मानचित्र पर समदाब रेखा द्वारा दर्शाया जाता है। दूरी की प्रति इकाई पर दाब के घटने को दाब प्रवणता (Pressure Gradient) कहते हैं। जब समदाब रेखा एक दूसरे के पास होती है तो दाब प्रवणता अधिक होती है। परन्तु जब समदाब रेखाएं एक-दूसरे से दूर होती हैं तो दाब प्रवणता कम होती है।
✻ पृथ्वी के धरातल पर चार वायुदाब कटिबंध है -
1. विषुवत रेखीय निम्न वायुदाब :-
यह पेटी भूमध्य रेखा से 10° उत्तरी तथा 10° दक्षिणी अक्षांशों के बीच स्थित है। यहाँ सालों भर सूर्य की किरणें लम्बवत् पड़ती है, जिसके कारण तापमान हमेशा ऊँचा रहता है। इस कटिबंध में धरातलीय क्षैतिज पवनें नहीं चलती बल्कि अधिक तापमान के कारण वायु हल्की होकर ऊपर को उठती है और संवहनीय धाराओं का जन्म होता है। इसलिए इस कटिबंध को शान्त कटिबन्ध या डोल्ड्रम कहते हैं।
नोट : विषुवत रेखा पर पृथ्वी के घूर्णन का वेग सबसे अधिक होता है , जिससे यहाँ पर अपकेन्द्रीय बल सर्वाधिक होती है, जो वायु को पृथ्वी के पृष्ठ से परे धकेलती है। इसके कारण भी यहाँ पर वायुदाब कम होता है।
2. उपोष्ण उच्च वायुदाब :-
उत्तरी तथा दक्षिणी गोलार्ध में क्रमश: कर्क और मकर रेखाओं से 35° अक्षांशों तक उच्च दाब-पेटियाँ
पायी जाती है।
यहाँ उच्च दाब होने के दो कारण हैं -
(a) विषुवत रेखीय कटिबन्ध से गर्म होकर उठने वाली वायु ठण्डी और भारी होकर कर्क तथा मकर रेखाओं से 35° अक्षांशों के बीच नीचे उतरती है और उच्च वायुदाब उत्पन्न करती है।
(b) पृथ्वी के दैनिक गति के कारण उप ध्रुवीय क्षेत्रों से वायु विशाल राशियाँ कर्क तथा मकर रेखाओं से 35° अक्षांशों के बीच एकत्रित हो जाती है, जिससे वहां पर उच्च वायुदाब उत्पन्न हो जाती है।
नोट :- विषुवत रेखा से 30-35° अक्षांशों के मध्य दोनों गोलाो में उच्च वायुदाब की पेटियां उपस्थित होती है। इस उच्च वायुदाब वाली पेटी को अश्व अक्षांश कहते है। इसका कारण यह है कि मध्य युग में यूरोप में खेती के लिए पश्चिमी द्वीप समूह में पालदार जलयानों में लाकर घोडे भेजे जाते थे प्रायः इन जलयानो को इन अक्षांशों के बीच वायु शांत रहने के कारण आगे बढ़ने में कठिनाई होती थी। अत: जलयानों का भार कम करने के लिए कुछ घोड़े समुन्द्र में फेंक दिये जाते हैं।
3. उपध्रुवीय निम्न वायुदाब :- 45° उत्तरी तथा दक्षिणी अक्षांशों से क्रमशःआर्कटिक तथा अंटार्कटिक वृत्तों के बीच निम्न वायु-भार की पेटियाँ पायी जाती हैं जिसे उपध्रुवीय निम्न दाब पेटियां कहते हैं।
4. ध्रुवीय उच्च वायुदाब : - 80° उत्तरी तथा दक्षिणी अक्षांश से उत्तरी तथा दक्षिणी ध्रुव तक उच्च दाब पेटियाँ पायी जाती हैं।
वायुमंडल से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न :-
✻ वायुमंडल की परिभाषा व क्या है ?
► पृथ्वी को चारों ओर से घेरे हुए वायु के विस्तृत फैलाव को वायुमंडल (Atmosphere) कहते हैं। वायुमंडल की ऊपरी परत के अध्ययन को वायुर्विज्ञान (Aerology) और निचली परत के अध्ययन को ऋतु विज्ञान (Meteorology) कहते हैं।
✻ वायुमंडल के अध्ययन को क्या कहते हैं ?
► पृथ्वी को चारों ओर से घेरे हुए वायु के विस्तृत फैलाव को वायुमंडल (Atmosphere) कहते हैं। वायुमंडल की ऊपरी परत के अध्ययन को वायुर्विज्ञान (Aerology) और निचली परत के अध्ययन को ऋतु विज्ञान (Meteorology) कहते हैं।
✻ वायुमंडल in English व का अर्थ ?
► Atmosphere
Note :- अगर आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद हो तो आप हमारे facebook पेज को like करके हमारा हौसला बढ़ाने में मदद कर सकते हो
वायुमंडल Pdf Download click
भारतीय भूगोल से सम्बंधित महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान
59. 150+ उर्वरक और खाद से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी
58. 50+ उद्यान विज्ञान से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी
57. 50+ कृषि कीट विज्ञान एवं खरपतवारनाशी से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी
56. भारत में कृषि objective Question and Answer #203
55. भारत की जलवायु ( Climate of India ) #202
54. भारत का भूगोल ( Indian Geography ) #195
53. भारत की मिट्टियाँ #175
52. भारत की प्राकृतिक वनस्पति #169
51. भारत की बहुद्देश्यीय परियोजनाएं #167
50. भारत में परिवहन सम्बंधित प्रश्नोत्तरी #160
49. भारत के जलप्रपात #155
48. भारतवर्ष के प्राकृतिक विभाग #154
47. प्राचीन भारत की प्राकृतिक अवस्थाएँ #153
46. भारत में वन #152
45. महत्वपूर्ण सूचकांक [ RAS Pre Important ] #149
144. भारत के पर्वत #147
43. भारत के प्रमुख नदी बाँध #146
42. भारत की झीलें #145
41. भारत की भाषाएँ #143
40. रसायन विज्ञान के नोबेल पुरस्कार के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण तथ्य #130
39. चिकित्सा के क्षेत्र के नोबेल पुरस्कार के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण तथ्य #129
38. नरेन्द्र मोदी के देश के नाम मुख्य सम्बोधन #127
37. भारत के प्रमुख उद्योग #112
36. भारत और विश्व सेना के देशों के बीच युद्धाभ्यास #111
35. भारत रत्न पुरस्कार विजेताओं की सूची #109
34. इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार विजेताओं की सूची #107
33. भारत की सभी पंचवर्षीय योजनाओं की सूची #81
32. भारत का राष्ट्रीय पशु ( बंगाल टाइगर ) #75
31. भारत के प्रमुख राज्यों और शहरों के भौगोलिक उपनाम #72
30. भारत के महत्वपूर्ण राष्ट्रीय संस्थान #71
29. भारत का राष्ट्रीय पक्षी ( मोर ) #70
28. भारत के प्रमुख खेल स्टेडियमो के नाम, स्थान की सूची #69
27. भारत के राष्ट्रपति #68
26. राष्ट्रीय आंदोलन की महत्वपूर्ण घटनाएँ #67
25. प्रमुख विषयों के जनक ( पिता ) #65
24. प्रमुख भारतीय लेखक एवं उनकी पुस्तकों की सूची #63
23. प्रमुख वैज्ञानिक यंत्रो के नाम , उपयोग व कार्यो की सूची #62
22. अंतर्राष्ट्रीय कप व ट्रॉफियां और उनसे सम्बंधित प्रमुख खेल की सूची #60
21. दुनिया के प्रमुख देशो के राष्ट्रीय पशु की सूची #59
20. माउंट एवरेस्ट से संबंधित कुछ तथ्य व प्रश्नोत्तर #48
19. वायुमंडल #47
18. जूट उद्योग #46
17. अफ्रीका #45
16. चीनी उद्योग #44
15. सूती वस्त्र उद्योग #43
14. भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख वचन और नारे #42
13. रेशे प्रदान करने वाले पौधे और वनस्पति विज्ञान की शाखाएँ #40
12. भारत में सिंचाई #38
11. भारत की प्रमुख बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएँ #37
10. भारतीय अर्थव्यवस्था Quiz-2 #36
9. भारत में खनिज संसाधन #32
8. भारत के पक्षी विहार #31
7. भारत देश के प्रमुख अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे #30
6. सौर मण्डल और इनके ग्रहों की महत्वपूर्ण जानकारी #29
5. प्रकाश रसायन का परिचय #27
4. सौर परिवार की सारणी #23
3. भारतीय अर्थव्यवस्था Quiz-1 #19
2. भारत में सबसे बड़ा, छोटा, लम्बा और ऊँचा #17
1. भूगोल Quiz -1 #16