वृत्त ( Circle ) से सम्बंधित परिभाषा :-
वृत्त ( Circle ) :-
एक वृत्त उन बिन्दुओ का समूह है जो नियत बिंदु से नियत दुरी ( त्रिज्या ) पर रहते है |
केंद्र ( Centre ) :-
नियत बिंदु वृत्त का केंद्र कहलाता हैं | आकृति में , O वृत्त का केंद्र हैं
त्रिज्या ( Radius ) :-
आकृति में OA वृत्त की त्रिज्या हैं केंद्र से परिधि तक की दुरी को त्रिज्या कहते है
जीवा ( Chord ) :-
एक रेखाखण्ड जिसके दोनों छोर वृत्त के परिधि पर हो , उसे जीवा कहते हैं | आकृति में PQ वृत्त की जीवा हैं तथा केंद्र O हैं
व्यास ( Diameter ) :-
सबसे लम्बी जीवा को व्यास कहते है | यह वह जीवा है जो केंद्र से होकर गुजरती है | व्यास , त्रिज्या का दुगुना होता है
छेदक/छेदक रेखा ( Secant ) :-
एक रेखाखण्ड जो वृत्त को दो बिन्दुओ पर काटे उसे छेदक रेखा कहते है | यहाँ , PQ छेदक रेखा हैं , जो वृत्त को दो बिन्दुओ A तथा B पर काटती हैं |
स्पर्श रेखा ( Tangent ) :-
एक रेखा जो वृत्त को एक और केवल एक बिंदु पर स्पर्श करे उसे स्पर्श रेखा कहते है |
नोट : त्रिज्या हमेशा स्पर्श रेखा पर लम्ब होती है इसलिए ∠ORB = ∠ORA = 90° अत: OR ⊥ AB
अर्द्ध वृत्त ( Semi-circle) :-
अर्द्ध वृत्त , वृत्त का आधा होता है | एक व्यास वृत्त को दो अर्द्ध वृत्तो में बांटता है
APB तथा AQB दो अर्द्ध वृत्त है , जो व्यास AB द्वारा बनाए गये है | अर्द्ध वृत्त की माप 180° होती है |
चाप ( Arc ) :-
माना A तथा B दो बिन्दु वृत्त पर है | हम लोग यहाँ दो बिन्दुओ से दो चाप पाते है | जैसे - लघु चाप AB तथा दीर्घ चाप ( AB )
त्रिज्याखंड ( Sector) :-
वृत्त का वह भाग जो एक चाप तथा दो त्रिज्या से घिरा होता है , त्रिज्याखंड कहलाता है यहाँ , OAPB त्रिज्याखंड है
वृत्तखण्ड ( त्रिज्याखंड का भाग ) ( Segment) :-
एक वृत्त एक जीवा द्वारा दो भागों में विभाजित किया जाता है तो वह आकृति वृत्तखंड ( त्रिज्याखंड का भाग ) कहलाता है | यहाँ जीवा , वृत्त को दो भागों में , बाँटती है - लघु वृत्तखंड तथा दीर्घ वृत्तखंड |
परिधि ( Circumference ) :-
वृत्त का परिमाप इसकी परिधि होती है तथा यह 2πr के बराबर होता है
इसलिए परिधि (C) = 2πr = परिमाप
त्रिज्याखंड का क्षेत्रफल ( Area of Sector ) :-
त्रिज्याखंड OACB का क्षेत्रफल = πr2θ/360° जहाँ θ , चाप ACB द्वारा केंद्र पर बनाया गया कोण है
सकेंद्रीय वृत्त ( Concentric circles ) :-
दो वृत्त सकेंद्रीय कहलाते है,यदि दोनों वृत्तो का एक ही केंद्र हो , आकृति में, दो संकेन्द्रीय वृत्त है जिसकी त्रिज्या r तथा R है दोनों का केंद्र O है
सर्वांगसम वृत्त ( Congruent circles) :-
दो वृत्त जिनकी त्रिज्या समान लम्बाई की हो वे सर्वांगसम वृत्त कहलाते है
केन्द्रीय कोण ( Central angle ) :-
केंद्र पर बने कोण को केन्द्रीय कोण कहते है
परिवृत्त ( Circumcircle ) :-
यह वृत्त जो किसी त्रिभुज के परित: खींचा जाता है , जिससे त्रिभुज के शीर्ष वृत्त के परिधि पर होते है , तो इस प्रकार के वृत्त को परिवृत्त कहते है जैसा की आकृति में दिखाया गया है |
अंत: वृत्त ( Incircle) :-
ऐसा वृत्त जो किसी त्रिभुज के अन्दर हो , जिससे की त्रिभुज की सभी भुजाएं वृत्त की स्पर्श रेखा हो जाए तो इसे अंत: वृत्त कहते है चूँकि त्रिज्या , स्पर्श रेखा पर लम्ब होती है इसलिए आकृति में OA ⊥ XZ , OC ⊥ YZ तथा OB ⊥ XY
तथा OA = OB = OC = r(त्रिज्या)
O वृत्त का केंद्र ( अंत: केंद्र ) है |
चक्रीय चतुर्भुज ( Cyclic quadrilateral ) :-
चक्रीय चतुर्भुज वह चतुर्भुज है , जिसके चारों शीर्ष वृत्त की परिधि पर होते है | इसके विपरीत कोणों का योगफल 180° होता है |
∠1 + ∠2 = 180° तथा ∠2 + ∠3 = 180°
इसलिए ∠1 = ∠3
चक्रीय चतुर्भुज में बाहय कोण विपरीत आंतरिक कोण के बराबर होते है
वृत के महत्वपूर्ण सूत्र :-
वृत्त के गुण ( Properties of Circle ) / वृत्त के नियम :-
1. यदि किन्ही दो वृत की त्रिज्याओ का अनुपात R : r है तो उनके व्यास परिधि तथा क्षेत्रफल का अनुपात भी R : r होगा
2. यदि कोई बिंदु किसी वृत्त से बाहर है , तो उस बिंदु का केंद्र से दूरी , वृत्त की त्रिज्या से बड़ी होती है | इसलिए OP > OA
3. यदि कोई बिंदु किसी वृत्त से अन्दर है , तब उस बिंदु का केंद्र से दूरी , त्रिज्या से कम होती है | इसलिए OP < OA
4. दिए गए चित्र में ,
यदि OD ⊥ AB
AD = BD = AB/2
OD = √OA2 - AD2
5. यदि दो वृत्त एक - दूसरे को स्पर्श न करे तो सहस्पर्श ( common tangent) रेखाओं की संख्या 4 होगी
6. यदि दो वृत्त एक - दूसरे को बाहय स्पर्श करे तो सहस्पर्श रेखाओ ( common tangents) की संख्या 3 होगी
7. यदि दो वृत्त एक - दूसरे को काटे तो सहस्पर्श रेखाओ ( common tangents ) की संख्या 2 होगी
8. यदि एक वृत्त दूसरे वृत्त को अन्दर से स्पर्श करे तो सहस्पर्श रेखाओ ( common tangents ) की संख्या 1 होगी
9. यदि दो वृत्तो के बीच एक भी सहस्पर्श रेखा ( common tangent) नही है तो दोनों वृत्त सकेंद्रीय वृत्त होगे
10. यदि OP , AB समद्विभाजित करे जिससे AP = BP तब OP ⊥ AB
11. तीन असंरेख बिन्दुओ से होकर एक और केवल एक ही वृत्त खींचा जा सकता है |
12. दिए गए चित्र में , यदि AB = CD , तब OM = ON जहाँ OM ⊥ AB , ON ⊥ CD
इसके विपरीत Converse : यदि OM = ON तब,
AB = CD
13. दिए गए चित्र में , ∠AOB = 2 ∠ACB अर्थात चाप द्वारा केंद्र पर बनाया गया कोण = 2 x परिधि पर समान चाप द्वारा बनाया गया कोण जहाँ O केंद्र है |
14. किसी वृत्त में , समान चाप द्वारा परिधि पर किन्ही दो बिन्दुओ से बने दो कोण समान होते है | दिए गए चित्र में, समान चाप AB पर दो कोण क्रमश: ∠ACB तथा ∠ADB बने हैं | अत: ∠ACB = ∠ADB
15. अर्द्ध वृत का कोण समकोण ( 90° ) होता है |
∠ACB = ∠ADB = 90°
16. जीवा द्वारा बनाया गया वृत्तखंडो के दोनों तरफ का कोण एक दूसरे के सम्पूरक ( Supplementary ) होते है |
यहाँ AC जीवा है , तब ∠α + ∠β = 180°
17. यदि किसी समांतर चतुर्भुज के अन्दर एक वृत बनाया जाए ताकि चतुर्भुज का सभी भुजा वृत से स्पर्श हो तो वह समांतर चतुर्भुज , समचतुर्भुज ( Rhombus) होगा |
इसलिए ABCD एक समचतुर्भुज है |
18. किसी वृत की परिधि पर किसी बिंदु पर एक और केवल एक स्पर्श रेखा खिंची जा सकती है |
19. यदि दो वृत एक दूसरे को P पर स्पर्श करते है , तब उनके केंद्र O तथा O' और बिंदु P संरेख होंगे |
20. AB तथा CD वृत की दो जीवाएं है , जो एक - दूसरे को O पर काटती है | तब OA x OB = OC x OD
21. चित्र के अनुसार , जीवा AB तथा CD एक दूसरे को P पर बाहय रूप से काटता है , तब PA x PB = PC x PD
22. चित्र के अनुसार , PT वृत पर T बिंदु पर एक स्पर्श रेखा है तथा AB जीवा है , तब PA x PB = PT2
23. चित्र के अनुसार , AB वृत पर P पर स्पर्श रेखा है |
तब ∠APX = ∠PYX , ∠BPY = ∠PXY
24. चित्र में PA तथा PB वृत पर बिंदु P से दो स्पर्श रेखाएं हैं, तब PA = PB
25. दो वृत है , जिसके केंद्र C1 तथा C2 है | C1C2 दोनों वृतो के केंद्र की बीच की दुरी है |
r1 तथा r2 वृत की त्रिज्याएँ है |
इसलिए सहस्पर्श रेखाओ में प्रत्येक की लम्बाई ( length of the common tangent) = √(C1C2)2 - (r1 - r2)2 = AB = CD
तिरछी स्पर्श रेखाओ में प्रत्येक की लम्बाई √(C1C2)2 - (r1 + r2)2 = PS = QR
26. यदि एक वृत किसी चतुर्भुज के सभी चारों भुजा को स्पर्श करता है , तब विपरीत भुजाओ का योगफल समान होता है | इसलिए AB + DC = AD + BC
27. यदि C1 तथा C2 को संकेंद्रीय वृत है तथा AB एक सहजीवा ( common Chord) है तथा बिंदु P इस प्रकार है कि OP ⊥ AB तब AC = BD
28. C1 तथा C2 दो वृत है , जिनके केंद्र O तथा O' है AC तथा AD दो व्यास है दोनों वृत एक दूसरे को A तथा B पर काटते है | तब बिंदु C , B तथा D संरेख होंगे या B , CD पर होंगा तथा ∠CBD = 180°
✹ इन्हें भी पढ़े :-
बेलन / खोखले बेलन के सूत्र
घन के सूत्र , गुण एवं नियम ( cube formula )
घनाभ के सूत्र , गुण एवं नियम ( cuboid formula )
बीजगणित के सूत्र ( Algebra Formula)
चतुर्भुज के सूत्र ( chaturbhuj ke sutra )
त्रिभुज के प्रकार
त्रिभुज व त्रिभुज के महत्वपूर्ण गुण एवं नियम
चतुर्भुज के प्रकार ,उनके गुण एवं सूत्रों का अध्धयन
त्रिभुज के परिकेंद , अंत: केंद्र , गुरुत्व केंद्र एवं लंब केंद्र
समचतुष्फलक ( Tetrahedron ) के सूत्र
Number System Basics Formulas, Questions, Tricks
Maths Notes की Free PDF यहां से Download करें
सभी बिषयवार Free PDF यहां से Download करें
Download PDF
पीडीएफ को देखें और दोस्तों को शेयर करे