pratham koti ki abhikriya
प्रथम कोटि की परिभाषा :-
वह रासायनिक अभिक्रिया जिसका अभिक्रिया वेग अभिकारक की सान्द्रता के प्रथम घात के समानुपाती होता है , प्रथम कोटि अभिक्रिया कहलाती है |
एक सामान्य अभिक्रिया -
- d[A]
dt
∝ [A]1
- d[A]
dt
= K[A] ..........समीकरण(1) यह प्रथम कोटि अभिक्रिया का वेग अवकलन समीकरण है |
- d[A]
[A]
= K.dt समाकलन करने पर
- ∫
d[A]
[A]
= K ∫dt -ln[A] = kt + C ..........समीकरण(2)
यहाँ "C" समाकलन स्थिरांक है
जब t = 0 हो तो [A] = [A]0
-ln[A]0 = C
C का मान समीकरण(2) में रखने पर
-ln[A] = kt + -ln[A]0
ln[A]0 - ln[A] = kt
ln
[A]0
[A]
= K.t K =
1
t
ln
[A]0
[A]
log लेने पर
K =
2.303
t
log
[A]0
[A]
यहाँ [A]0 →प्रारंभिक सांद्रता
तथा [A] → t समय पर सांद्रता
1. प्रथम कोटि अभिक्रिया की इकाई :-
K = मोल1 - (a+b) लीटर(a+b) - 1 सेकण्ड-1
K = मोल1 - (1) लीटर(1) - 1 सेकण्ड-1
K = सेकण्ड-1
2. जब
log[A]0
[A]
एवं समय t के मध्य ग्राफ खींचा जाए तो एक सीधी रेखा प्राप्त होगी K =
2.303
t
log
[A]0
[A]
log
[A]0
[A]
=
Kt
2.303
3. जब log[A] एवं समय t के मध्य ग्राफ खींचा जाए तो सरल रेखा प्राप्त होगी
K =
2.303
t
log
[A]0
[A]
log
[A]0
[A]
=
Kt
2.303
log[A]0 - log[A] =
Kt
2.303
log[A] =
- Kt
2.303
+ log[A]0 4. प्रथम कोटि अभिक्रिया का अर्धआयुकाल :-
किसी अभिकारक की प्रारम्भिक सांद्रता से आधी सांद्रता परिवर्तित होने में लगा समय , अर्धआयुकाल कहलाता हैं इसे t1/2 से प्रदर्शित किया जाता है |
t= t1/2 ; [A] = [A]0/2
चूँकि K =
2.303
t
log
[A]0
[A]
t1/2 =
2.303
K
log
[A]0
[A]0/2
t1/2 =
2.303
K
log(2) t1/2 =
2.303 x 0.3010
K
t1/2 =
0.693
K
5. प्रथम कोटि की अभिक्रिया ( first order reaction )के उदाहरण दीजिए ?
1. रेडियोएक्टिव तत्वों का कृत्रिम या प्राकृतिक विघटन
2. एथीन का हाइड्रोजनीकरण
3. N2 एवं N2O का अपघटन
4. H2O2 का विघटन
✹ इन्हें भी पढ़े :-
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