1. परिकेंद / बाह्य केंद्र : -
किसी त्रिभुज के तीनों भुजाओ के लंब समद्विभाजक जिस बिंदु पर मिलते हैं , उसे त्रिभुज का परिकेंद्र कहते हैं । परिकेंद्र ही ऐसा एकलौता केंद्र हैं जिससे त्रिभुज के तीनों शीर्षो की दूरी समान रहती है तथा यही दूरी परित्रिज्या ( R ) कहलाती है । परित्रिज्या द्वारा बना वृत परिवृत कहलाता है ।
यहां ∠BOC = 2∠A
∠COA = 2∠B
∠AOB = 2∠C
2. अंत: केंद्र : -
किसी त्रिभुज के तीनों कोण समद्विभाजक जिस बिंदु पर मिलते हैं उसे त्रिभुज का अंत: केंद्र कहते हैं अंतः केंद्र ही एकलौता ऐसा केंद्र हैं जिससे त्रिभुज की तीनों भुजाओ की लंबवत दूरी समान रहती है । चित्र में AD , DF ,DE तीनों कोण समद्विभाजक हैं ।
अंत: केंद्र के महत्वपूर्ण सूत्र :-
3. गुरुत्व केंद्र / केंद्रक : -
त्रिभुज की तीनो माध्यिकाओ के प्रतिचछेक बिंदु को केंद्रक कहते हैं । आकृति में AD , BE तथा CF तीनों माध्यिकाएं है ।
गुरुत्व केंद्र / केंद्रक के महत्वपूर्ण सूत्र :-
त्रिभुज का केंद्रक प्रत्येक माध्यिका को 2 : 1 के अनुपात में विभाजित करता है ।
अर्थात्
4. लंब केंद्र : -
त्रिभुज के तीनों शीर्षो से डाले गए लंबो का कटान बिंदु त्रिभुज का लंब केंद्र कहलाता है ।
यहां AD , BE तथा CF तीनों त्रिभुज ABC के शीर्ष लंब है ।
जहां ∠BOC + ∠A = 180
∠AOB + ∠C = 180
∠COA + ∠B = 180
लंब केंद्र के गुण :-
सभी भुजाओं का योग सभी लंबों के योग से अधिक होता है ।
अर्थात् AB + BC + AC > BE + FC + AD
भुजा लंब के व्युत्क्रमानुपाती होती है ।
अर्थात्
इन्हें भी पढ़े :-
1. त्रिभुज के प्रकार
2. त्रिभुज व त्रिभुज के महत्वपूर्ण गुण एवं नियम
3. चतुर्भुज के प्रकार ,उनके गुण एवं सूत्रों का अध्धयन
4. Number System Basics Formulas, Questions, Tricks
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