कोणों के प्रकार (Types of Angles) परिभाषा , उदाहरण एवं चित्र सहित | PDF Download |

कोणों के प्रकार ( Types of Angles ) का वर्णन चित्र सहित | PDF Download |

इस लेख में हमारे द्वारा कोणों के प्रकार ( Types of Angles ) दिए गए है जो कक्षा 9,10 तथा 11 एवं 12 के लिए अतिमहत्वपूर्ण है | कक्षा 9,10,11,12 NCERT and all exam के लिए तो यह लेख बहुत ही फायदेमंद है | आप हमे नीचे comment करके बता सकते है कि आपको यह लेख कैसा लगा |

{tocify} $title={Table of Contents}

कोण (ANGLE) क्या है / कोण किसे कहते है ?

कोण की परिभाषा के अनुसार दो किरणों या दो रेखाओं के मध्य का झुकाव , कोण कहलाता है |
सीधे शब्दों में कहा जाए तो जब किसी रेखाखण्ड का एक छोर किसी दूसरे रेखाखण्ड के एक छोर से मिलता है तो दोनों रेखाखण्डो के मध्य एक झुकाव उत्पन्न होता है , रेखाओं के मध्य इस झुकाव को ही कोण कहा जाता है |
इस लेख में हम कोण को θ से व्यक्त करेंगे |
कोण को ∠θ से निरुपित किया जाता है |
जिस बिंदु पर कोण का निर्माण होता है उसे हमेशा मध्य में रखा जाता है | उदाहरण के लिए -
∠AOB = θ
∠AOB = ∠0 = θ

कोणों के प्रकार (Types of Angles) परिभाषा , उदाहरण एवं चित्र सहित | PDF Download |

कोणों के प्रकार ( Types of Angles/kono ke prakar ) :-

इस लेख में हम कोणों के सभी प्रकारों का चित्र तथा उदाहरण सहित विस्तारपूर्वक अध्धयन करेंगे | कोण के प्रकारों का वर्णन परिभाषा सहित निम्न प्रकार है |

1. न्यूनकोण ( Acute Angle ) किसे कहते है ?

न्यूनकोण की परिभाषा के अनुसार 0° अंश तथा 90° अंश के मध्य के कोण को न्यूनकोण कहते है |

अर्थात् 0° < θ < 90°

अत: 0° से बड़ा परन्तु 90° से छोटे कोण को न्यूनकोण कहते है |

उदहारण - 30° , 45° , 60° आदि |

न्यूनकोण ( Acute Angle )
न्यूनकोण ( Acute Angle )

जहाँ 0° < θ < 90°


2. समकोण ( Right Angle ) किसे कहते है ?

समकोण की परिभाषा के अनुसार , जब दो किरणों के मध्य का झुकाव 90° हो , तो इस प्रकार निर्मित कोण को समकोण कहते है |

अर्थात् θ = 90°
साधारणत: 90° अंश का कोण , समकोण कहलाता है |

समकोण ( Right Angle )
समकोण ( Right Angle )

3. अधिककोण ( Obtuse Angle ) किसे कहते है ?

अधिककोण की परिभाषा के अनुसार 90° अंश तथा 180° अंश के मध्य के कोण को अधिककोण कहते है |

90° < θ < 180°
अत: 90° से बड़ा परन्तु 180° से छोटा कोण अधिककोण कहलाता है |

अधिककोण ( Obtuse Angle )
अधिककोण ( Obtuse Angle )

4. सरल कोण / ऋजु कोण ( Straight Angle ) किसे कहते है ?

सरल कोण की परिभाषा के अनुसार , ऐसा कोण जिसको बनाने वाली दोनों किरणे एक - दूसरे के विपरीत हो तो इस स्थिति में ऋजु कोण या सरल कोण का निर्माण होता है |

दूसरों शब्दों में , जब दो किरणों के मध्य का झुकाव 180° हो , तो इस प्रकार निर्मित कोण को सरल कोण कहते है |

अर्थात् θ = 180°
साधारणत: 180° के कोण को सरल कोण कहते है |

सरल कोण / ऋजु कोण ( Straight Angle )
सरल कोण / ऋजु कोण ( Straight Angle )

5. वृहत कोण ( Reflex Angle ) या प्रतिवर्ती कोण किसे कहते है ?

वृहत कोण की परिभाषा के अनुसार , 180° अंश तथा 360° अंश के मध्य के कोण को वृहत कोण या प्रतिवर्ती कोण कहते है |

अर्थात् 180° < θ < 360°
अत: 180° से बड़ा परन्तु 360° से छोटा कोण , वृहत कोण कहलाता है |

 वृहत कोण ( Reflex Angle ) या प्रतिवर्ती कोण
वृहत कोण ( Reflex Angle ) या प्रतिवर्ती कोण

6. सम्पूर्ण कोण ( Complete Angle ) किसे कहते है ?

सम्पूर्ण कोण की परिभाषा के अनुसार , वह कोण जिसका मान 360° अंश होता है , उसे सम्पूर्ण कोण कहते है |

अर्थात् θ = 360°
अत: जब दो किरणों के मध्य का झुकाव 360° हो तो , इस प्रकार निर्मित कोण को सम्पूर्ण कोण कहते है |

सम्पूर्ण कोण ( Complete Angle )
सम्पूर्ण कोण ( Complete Angle )

7. शून्य कोण ( Zero Angle ) किसे कहते है ?

शून्य कोण की परिभाषा के अनुसार , वह कोण जिसका मान 0° अंश होता है उसे शून्य कोण कहते है |

यदि कोण बनाने वाली दोनों किरणों के बीच का झुकाव शून्य हो तो इस प्रकार के कोण को शून्य कोण कहते है |

इस कोण में दोनों किरणे एक ही दिशा की ओर अग्रसर होती है , अर्थात् दोनों किरणे परस्पर सम्पाती ( Coincident ) होती है |

θ = 0°

 शून्य कोण ( Zero Angle )
शून्य कोण ( Zero Angle )

8. पूरक कोण ( Complementary Angle ) किसे कहते है ?

पूरक कोण की परिभाषा के अनुसार , वे दो कोण जिनका योग 90° अंश प्राप्त हो , पूरक कोण कहलाते है |
a + b = 90°

यहाँ a , b का तथा b , a का पूरक कोण कहलाता है |

उदाहरण : - 40 और 50
60 और 30
70 और 20 आदि

पूरक कोण ( Complementary Angle )
पूरक कोण ( Complementary Angle )

9. सम्पूरक कोण ( Supplementary Angle ) किसे कहते है ?

सम्पूरक कोण की परिभाषा के अनुसार , वे दो कोण जिनका योग 180° अंश प्राप्त हो , सम्पूरक कोण कहलाते है | x + y = 180°

यहाँ x , y का तथा y , x का सम्पूरक कोण कहलाता है | उदाहरण :- 90 और 90
100 और 80 आदि |

 सम्पूरक कोण ( Supplementary Angle )
सम्पूरक कोण ( Supplementary Angle )

10. आसन्न कोण ( Adjacent Angle ) किसे कहते है ?

आसन्न कोण की परिभाषा के अनुसार , वे दो कोण जिनकी एक भुजा उभयनिष्ठ हो और उनका एक ही शीर्ष हो , आसन्न कोण कहलाता है |

यदि दो आसन्न कोणों का योग 180° हो तो उनकी बाह्य भुजाएँ एक ही रेखा पर होती है |

आकृति में -
OA तथा OB :- भुजाएँ
OC :- उभयनिष्ठ भुजा
O :- उभयनिष्ठ शीर्ष
∠P तथा ∠Q :- आसन्न कोण

आसन्न कोण ( Adjacent Angle )

11. रैखिक युग्म कोण ( Linear pair of Angle ) किसे कहते है ?

रैखिक युग्म कोण की परिभाषा के अनुसार , वे दो कोण जो एक ही समतल पर बने हो , रैखिक युग्म कोण कहलाते है |

रैखिक युग्म कोणों का योग 180° होता है |

रैखिक युग्म को बनाने वाले दोनों कोण न्यूनकोण होता है |


12. शीर्षाभिमुख कोण ( Vertically Opposite Angle ) किसे कहते है ?

शीर्षाभिमुख कोण की परिभाषा के अनुसार , जब दो सीधी रेखाएँ परस्पर एक - दूसरे को एक ही बिंदु पर काटती है तो इस स्थिति में निर्मित आमने - सामने के कोण बराबर होते है | इन्ही बराबर कोणों को शीर्षाभिमुख कोण कहते है |

दो रेखाओं के परस्पर एक ही बिंदु पर काटने से चार छोटे कोणों का निर्माण होता है जिनके आमने - सामने के कोण बराबर होते है |

शीर्षाभिमुख कोण ( Vertically Opposite  Angle )

13. संगत कोण ( Corrosponding Angles ) किसे कहते है ?

संगत कोण की परिभाषा के अनुसार , जब दो समांतर रेखाओं को एक तिर्यक रेखा काटती है तो तिर्यक रेखा के एक ही ओर के अंत: कोण और सामने के बहिष कोण को संगत कोण कहते है |

संगत कोणों की स्थिति तथा दिशा दोनों समान होती है |

संगत कोणों के युग्म आपस में बराबर होते है |
यहाँ ∠1 = ∠5
∠2 = ∠6
∠3 = ∠7
∠4 = ∠8

 संगत कोण ( Corrosponding Angles )

14. एकांतर कोण ( Alternate Angles ) किसे कहते है ?

एकांतर कोण की परिभाषा के अनुसार , जब दो सीधी समांतर रेखाओं को एक तिर्यक प्रतिच्छेद ( काटती ) करती है तो रेखाओं के अंतरंग में बने वे दोनों कोण , जो तिर्यक रेखा के दोनों ओर एकांतर क्रम में ऊपर - नीचे होते है , उन्हें एकांतर कोण कहते है |

एकांतर कोणों की आकृति z के आकार की होती है | यह z की आकृति विपरीत यानि कि (उल्टा z) इस प्रकार कि भी होती है |

एकांतर कोणों की स्थिति तथा दिशा दोनों विपरीत होती है |


15. क्रमागत अंत: कोण ( Consecutive Interior Angles ) किसे कहते है ?

क्रमागत अंत: कोण की परिभाषा के अनुसार , जब दो सीधी समांतर रेखाओं को एक तिर्यक रेखा काटती है तो तिर्यक रेखा के एक ही ओर के अंत: कोण , क्रमागत अंत: कोण कहलाते है |

क्रमागत अंत: कोणों का योग 180° होता है |

चित्र से - ∠1 + ∠3 = 180°
∠2 + ∠4 = 180°

 क्रमागत अंत: कोण ( Consecutive Interior Angles )

16. सम्मुख कोण :-

सामान्यत: इस कोण का सम्बन्ध चतुर्भुज से होता है | सीधे शब्दों में कहा जाए तो चतुर्भुज के आमने - सामने के कोण सम्मुख कोण कहलाते है |

यहाँ ∠A तथा ∠C

और ∠B और ∠D परस्पर सम्मुख कोण है |

सम्मुख कोण

एकांतर कोण के प्रकार ( Types of Alternate Angles ) :-

कोणों की स्थिति के आधार पर एकांतर कोण दो प्रकार के होते है जिनका परिभाषा , उदहारण एवं चित्र सहित वर्णन निम्न प्रकार है -

1. एकांतर बाह्य कोण ( Exterior Alternate Angle ) :-

एकांतर बाह्य कोण की परिभाषा के अनुसार , जब दो सीधी समांतर रेखाओं को एक तिर्यक रेखा प्रतिच्छेद करती है तो समांतर रेखाओं के बाहर बनने वाले कोण एकांतर बाह्य कोण कहलाते है |

∠1 = ∠7
∠2 = ∠8

 एकांतर बाह्य कोण ( Exterior Alternate Angle )

2. एकांतर अंत: कोण ( Interior Alternate Angle ) :-

एकांतर अंत: कोण की परिभाषा के अनुसार , जब दो सीधी समांतर रेखाओं को एक तिर्यक रेखा प्रतिच्छेद करती है तो समांतर रेखाओं के अन्दर बनने वाले कोण , एकांतर अंत: कोण कहलाते है |

∠3 = ∠5
∠4 = ∠6

एकांतर अंत: कोण ( Interior Alternate Angle )

कोण तथा उनके कोणीय मान और उदाहरण -

क्र.स. कोण का नाम कोणीय मान उदाहरण
1. न्यूनकोण 0° < θ < 90° 45° , 60°
2. समकोण θ = 90° 90°
3. अधिककोण 90° < θ < 180° 120° , 160°
4. ऋजु या सरल कोण θ = 180° 180°
5. वृहत या प्रतिवर्ती कोण 180° < θ < 360° 200° , 300°
6. सम्पूर्ण कोण θ = 360° 360°
7. शून्य कोण θ = 0°
8. पूरक कोण a + b = 90° 60° + 30° = 90°
9. सम्पूरक कोण a + b = 180° 100° + 80° = 180°

कोणों के प्रकार ( Types of Angles ) Download PDF

Download PDF

Download PDF
1 MB

✹ इन्हें भी पढ़े :-

बेलन / खोखले बेलन के सूत्र
घन के सूत्र , गुण एवं नियम ( cube formula )
घनाभ के सूत्र , गुण एवं नियम ( cuboid formula )
चतुर्भुज के सूत्र ( chaturbhuj ke sutra )
त्रिभुज के प्रकार
त्रिभुज व त्रिभुज के महत्वपूर्ण गुण एवं नियम
चतुर्भुज के प्रकार ,उनके गुण एवं सूत्रों का अध्धयन
त्रिभुज के परिकेंद , अंत: केंद्र , गुरुत्व केंद्र एवं लंब केंद्र

Maths Notes की Free PDF यहां से Download करें


सभी बिषयवार Free PDF यहां से Download करें

एक टिप्पणी भेजें (0)
और नया पुराने