अतिपरवलय(Hyperbola) का अर्थ,परिभाषा , सूत्र एवं महत्वपूर्ण प्रश्नोतरी | PDF Download |

अतिपरवलय(Hyperbola) का अर्थ,परिभाषा , सूत्र एवं महत्वपूर्ण प्रश्नोतरी | PDF Download |

इस लेख में हमारे द्वारा अतिपरवलय(Hyperbola) का अर्थ,परिभाषा , सूत्र एवं महत्वपूर्ण प्रश्नोतरी दिए गए है जो कक्षा 7 से 10 तथा 11 एवं 12 के लिए अतिमहत्वपूर्ण है | कक्षा 11 NCERT के लिए तो यह लेख बहुत ही फायदेमंद है | आप हमे नीचे comment करके बता सकते है कि आपको यह लेख कैसा लगा |

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अतिपरवलय ( Hyperbola ) का अर्थ :-

एक द्विविमीय समतलीय वक्र है जप एक शांकव ( Conic ) होता है |

अतिपरवलय क्या है / अतिपरवलय की परिभाषा :-

एक अतिपरवलय तल के उन सभी बिन्दुओं का समुच्चय है जिनकी तल में दो स्थिर बिन्दुओं से दूरी का योग अचर होता है | यहाँ "अंतर" शब्द से तात्पर्य है दूर स्थिर बिंदु से दूरी ऋण निकट स्थिर बिंदु से दूरी |

अतिपरवलय क्या है / अतिपरवलय की परिभाषा

अतिपरवलय की नाभियां :-

दो स्थिर बिन्दुओं को अतिपरवलय की नाभियां कहते है | आकृति में F1 व F2 अतिपरवलय की नाभियां है |

अतिपरवलय का केंद्र :-

नाभियों को मिलाने वाले रेखाखण्ड के मध्य बिंदु कों अतिपरवलय का केंद्र कहते है |

अतिपरवलय का अनुप्रस्थ अक्ष ( Transverse axis of Hyperbola ) :-

नाभियों से गुजरने वाली रेखा को अतिपरवलय का अनुप्रस्थ अक्ष कहते है |

अतिपरवलय का संयुग्मी अक्ष ( Conjugate axis of Hyperbola ) :-

केंद्र से गुजरने वाली रेखा और अनुप्रस्थ अक्ष पर लम्बवत रेखा को अतिपरवलय का संयुग्मी अक्ष कहते है |

अतिपरवलय के शीर्ष ( Vertices of Hyperbola ) :-

अतिपरवलय , अनुप्रस्थ अक्ष को जिन बिन्दुओं पर काटता है , उन्हें अतिपरवलय के शीर्ष कहते है |

अनुप्रस्थ अक्ष की लम्बाई :-

अतिपरवलय के दोनों शीर्षों के बीच की दूरी को अनुप्रस्थ अक्ष कि लम्बाई कहते है इसे 2a से प्रदशित करते है |

संयुग्मी अक्ष की लम्बाई :-

राशि b = c2 - a2, 2b को संयुग्मी अक्ष की लम्बाई कहते है इसे सामान्यत: b से व्यक्त करते है |

समकोणीय अतिपरवलय ( Rectangular Hyperbola ) :-

एक अतिपरवलय जिसमें a = b हो , समकोणीय अतिपरवलय कहलाता है | समकोणीय अतिपरवलय की उत्केन्द्रता e = √2

अतिपरवलय की उत्केन्द्रता ( Eccentricity of Hyperbola ) :-

अतिपरवलय के केंद्र से नाभि और केंद्र से शीर्ष की दूरियों का अनुपात को अतिपरवलय की उत्केन्द्रता कहते है |
उत्केन्द्रता को e के द्वारा व्यक्त करते है |

अर्थात e =
c / a

उत्केन्द्रता कभी भी एक से कम नही होती है |
उत्केन्द्रता के सम्बन्ध में , नाभियाँ केंद्र से ae की दूरी पर होती है |

अतिपरवलय का मानक समीकरण सूत्र ( Standard equation of Hyperbola ) :-

यदि अतिपरवलय का केंद्र मूल बिंदु पर और नाभियाँ x-अक्ष या y-अक्ष पर स्थित हो तो अतिपरवलय का समीकरण सरलतम होता है |
ऐसे दो संभव प्रकार है जिनका सूत्र सहित वर्णन निम्न प्रकार है -

1. अतिपरवलय का प्रथम मानक समीकरण सूत्र :-

अतिपरवलय का केंद्र मूल बिंदु पर और नाभियाँ x-अक्ष पर स्थित है तो इस प्रकार के अतिपरवलय का सूत्र -

अतिपरवलय का प्रथम मानक समीकरण सूत्र

एक अतिपरवलय जिसका केंद्र मूल बिंदु (0,0) व अनुप्रस्थ अक्ष , x-अक्ष के अनुदिश है , का समीकरण सूत्र -

x2 / a2
-
y2 / b2
= 1
अत: यदि कोई बिंदु जो
x2 / a2
-
y2 / b2
= 1 को संतुष्ट करता है तो वह बिंदु अतिपरवलय पर स्थित होता है |

2. अतिपरवलय का द्वितीय मानक समीकरण सूत्र :-

अतिपरवलय का केंद्र मूल बिंदु पर और नाभियाँ y-अक्ष पर स्थित है तो इस प्रकार के अतिपरवलय का सूत्र -

 अतिपरवलय का द्वितीय मानक समीकरण सूत्र

एक अतिपरवलय जिसका केंद्र मूल बिंदु (0,0) y-अक्ष के अनुदिश है , का समीकरण सूत्र -

y2 / a2
-
x2 / b2
= 1
अत: यदि कोई बिंदु जो
y2 / a2
-
x2 / b2
= 1 को संतुष्ट करता है तो वह बिंदु अतिपरवलय पर स्थित होता है |

इन दो समीकरणों को "अतिपरवलय का मानक समीकरण " सूत्र कहते है |

अतिपरवलय की नाभिलम्ब जीवा ( Latus rectum of Hyperbola ) :-

अतिपरवलय की नाभियों से जाने वाली और अनुप्रस्थ अक्ष पर लम्बवत रेखाखण्ड जिसके अन्त्य बिंदु अतिपरवलय पर हो , को अतिपरवलय की नाभिलम्ब जीवा कहते है |

अतिपरवलय की नाभिलम्ब जीवा की लम्बाई का सूत्र =
2b2 / a

अतिपरवलय से सम्बंधित प्रश्नोतरी ( Hyperbola Question and Answer ) :-

1. निम्न अतिपरवलय के शीर्षों और नाभियों के निर्देशांक , उत्केन्द्रता और नाभिलम्ब जीवा की लम्बाई ज्ञात कीजिए |

x2 / 9
-
y2 / 16
= 1
इस समीकरण की तुलना मानक समीकरण
x2 / a2
-
y2 / b2
= 1 से करने पर

a = 3 , b = 4

c = a2 + b2

c = 9 + 16

c = 5

अत: नाभियों के निर्देशांक ( ±5,0)
शीर्षों के निर्देशांक ( ±3,0)

उत्केन्द्रता e =
c / a
=
5 / 3
नाभिलम्ब जीवा की लम्बाई =
2b2 / a
=
2(4)2 / 3
=
32 / 3

2. नाभियाँ (0, ±3) और शीर्षों ( 0, ±
11 / 2
) वाले अतिपरवलय का समीकरण ज्ञात कीजिए ?

जहाँ नाभियाँ y-अक्ष पर है |

इसलिए अतिपरवलय का समीकरण
y2 / a2
-
x2 / b2
= 1 के रूप का है |
क्योकिं शीर्ष ( 0, ±
11 / 2
)
इसलिए a =
11 / 2

नाभियाँ ( 0, ±3 ) इसलिए c = 3

और b2 = c2 - a2
(3)2 - (
11 / 2
)2 =
25 / 4

अत: अतिपरवलय का समीकरण -

y2 / 11/4
-
x2 / 25/4
= 1
4y2 / 11
-
4x2 / 25
= 1
100y2 + 44x2 = 275

3. उस अतिपरवलय का समीकरण ज्ञात कीजिए जिसकी नाभियाँ ( 0 , ±12 ) और नाभिलम्ब जीवा की लम्बाई 36 हैं |

क्योकिं नाभियाँ ( 0 , ±12 ) इसलिए c = 12
नाभिलम्ब जीवा की लम्बाई = 2b2/a = 36
b2 = 18a
इसलिए c2 = a2 + b2
(12)2 = a2 + 18a
a2 + 18a - 144 = 0
a = -24 , 6
यहाँ a -24 तब a = 6 होगा और b2 = 108

अत: अतिपरवलय का समीकरण -

y2 / 36
-
x2 / 108
= 1
3y2 - x2 = 108
3y2 - x2 = 108

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