त्रुटियों का संयोजन :-
जब किसी भौतिक राशि की त्रुटिपूर्ण माप को जोड़ा , घटाया , गुणा या भाग किया जाता है तो अंतिम परिमाण त्रुटिपूर्ण प्राप्त होता है
परिमाण में उत्पन्न यह त्रुटि , त्रुटियों का संयोजन कहलाती है
त्रुटियों के संयोजन को निम्नलिखित प्रकार से समझ सकते है -
1. जोड़ने (संकलन) की त्रुटि :-
दो भौतिक राशियों की माप A एवं B है -
ΔB = B के मान में उत्पन्न त्रुटि
2. घटाने या व्यकलन की त्रुटि
माना दो भौतिक राशि A व B जिनके मापित मान क्रमशः A ± ΔA एवं B ± ΔB है जहाँ ΔA = A के मान में उत्पन्न निरपेक्ष त्रुटि
ΔB = B के मान में उत्पन्न निरपेक्ष त्रुटि
घटाने पर :-
3. गुणनफल की त्रुटि :
यदि किसी दो भौतिक राशियों की माप A व B है तब -
ΔB = B के मान में उत्पन्न निरपेक्ष त्रुटि
समीकरण 2 में समीकरण 1 से मान रखने पर
चूँकि निरपेक्ष त्रुटि ΔA व ΔB के मान अत्यंत सूक्ष्म है इसलिए ΔA/A . ΔB/B का मान अत्यंत सूक्ष्म होगा इसलिए ΔA/A . ΔB/B के पद को छोड़ने पर -
गुणन की अधिकतम त्रुटि -
4. भागफल की त्रुटि :-
यदि किसी दो भौतिक राशियों की माप A व B है तब -
यदि ΔA = A के मान में उत्पन्न निरपेक्ष त्रुटि
ΔB = B के मान में उत्पन्न निरपेक्ष त्रुटि
तब
समीकरण 2 में समीकरण 1 का मान रखने पर
चूँकि निरपेक्ष त्रुटि ΔA व ΔB के मान अत्यंत सूक्ष्म है इसलिए ΔA/A तथा ΔB/B का मान अत्यंत सूक्ष्म होगा इसलिए ΔA/A . ΔB/B के मान को छोड़ने पर -
तब -
भाग की अधिकतम त्रुटि -
मापित राशि की घातों के प्रकरण में त्रुटि :-
माना किसी भौतिक राशि की माप A है
तब
घातों की अधिकतम त्रुटि
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