सैलो का संयोजन मुख्यत: दो प्रकार का होता है
1. सैलो का श्रेणी क्रम संयोजन :-
जब सेलों को इस प्रकार जोड़ा जाए की एक सेल का टर्मिनल दूसरे सेल के विपरीत ध्रुवता वाले टर्मिनल से जुड़ा हो तो इस प्रकार के संयोजन को श्रेणीक्रम संयोजन कहते है।
प्रथम सैल के लिए
VA - VC = E1 - Ir1 .... (1)
दूसरे सैल की टर्मिनल वोल्टता
VC - VB = E2 - Ir2 .... (2)
समीकरण 1 व समीकरण 2 को जोड़ने पर
VA - VB =
E1 - Ir1 + E2 - Ir2
दोनों पक्षों की तुलना करने पर
Er = E1 + E2
rr = r1 + r2
rr = r1 + r2
विधुत वाहक बल -
Er = E1 + E2 +...... + En
rr = r1 + r2 + ..... + rn
rr = r1 + r2 + ..... + rn
2. सैलो का समांतर क्रम संयोजन :-
जब एक सेल को दूसरे सेल से इस प्रकार जोड़ा जाये की उनके समान ध्रुवता वाले सिरे आपस में जुड़े हो तो इस प्रकार के संयोजन को समांतर क्रम संयोजन कहते है।
परिपथ की कुल धारा
I = I1 + I2 .... (1)
प्रथम सैल के लिए टर्मिनल वोल्टता -
V = E1 - I1r1
E1 - V
r1
E2 - V
r2
समीकरण (1) से
I =
E1 - V
r1
+
E2 - V
r2
E1
r1
-
V
r1
+
E2
r2
-
V
r2
E1
r1
+
E2
r2
) - (
V
r1
+
V
r2
) ]
E1
r1
+
E2
r2
) - V (
1
r1
+
1
r2
) ]
E1r2 + E2r1
r1r2
) - V (
r1 + r2
r1r2
) ] दोनों पक्षों में (
r1r2
r1 + r2
) का गुणा करने पर
r1r2
r1 + r2
) = (
E1r2 + E2r1
r1r2
) - V
E1r2 + E2r1
r1r2
) - I (
r1r2
r1 + r2
)
E1r2 + E2r1
r1r2
) - I (
r1r2
r1 + r2
) कुल विधुत वाहक बल
Er
= (
E1r2 + E2r1
r1r2
) कुल आन्तरिक प्रतिरोध
rr
= (
r1r2
r1 + r2
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