विशेषण की परिभाषा, भेद एवं उनके उदाहरण | PDF Download |

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( Visheshana ki paribhasha bhed evm unke udaharan ka adhdhyan ) ✹ विशेषण की परिभाषा, भेद एवं उनके उदाहरण का अध्धयन :-

विशेषण की परिभाषा : :-

जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं उन्हें विशेषण कहते हैं ।
विशेषण प्राय: विशेष्य के पहले लगाया जाता है । जो विशेषण विशेष्य के पहले आए , वह विशेष्य - विशेषण होता है । परंतु कभी-कभी विशेष्य के बाद भी विशेषण का प्रयोग होता है । जो विशेषण विशेष्य के बाद और क्रिया के बीच में आए , उसे विधेय - विशेषण कहते हैं ,
उदाहरण :- :- काली गाय चरती है । आम मीठा है ।


विशेषण के भेद ( visheshan ke bhed ) : :-

visheshan ke kitne bhed hote hain :-

विशेषण के चार भेद हैं
1. गुणवाचक विशेषण ( gunavaachak ) ।
2. संख्यावाचक विशेषण ( sankhyaavaachak ) ।
(a) निश्चित संख्यावाचक
(b) अनिश्चित संख्यावाचक
3. परिमाणवाचक विशेषण
(a) निश्चित परिमाणवाचक
(b) अनिश्चित परिमाणवाचक
4. सार्वनामिक विशेषण ।


1. गुणवाचक विशेषण :-

जिन शब्दों से संज्ञा के गुण , दोष , दशा , स्वभाव , रंग , अवस्था , आकार आदि का बोध होता हो उन्हें गुणवाचक विशेषण कहते हैं ,
उदाहरण :- -
राम अच्छा लड़का है ।
वह बुरा आदमी है ।
मेरे पास काला कोट है ।
यह वृक्ष सुखा है ।

कुछ प्रचलित गुणवाचक विशेषण :-

गुण अच्छा , भला , शिष्ट , सभ्य , नम्र , दानी , सुशील , कर्मठ आदि ।
दोष बुरा , अशिष्ट , असभ्य दुष्चरित्र , कंजूस , चोर , झूठा आदि ।
रंग काला , लाल , हरा , पीला , सफेद , नीला आदि ।
दशा स्वस्थ , मोटा , पतला , सुखी , दुखी , गाढ़ा , गीला , सूखा , गरीब , रोगी आदि ।
आकार गोल , चपटा , कुरूप , सुडौल , अंडाकार , त्रिभुजाकार आदि ।
दिशा उत्तरी , पूर्वी , पश्चिमी , दक्षिणी , भीतरी , बाहरी , ऊपरी आदि ।
देश भारतीय , पाकिस्तानी , अफ्रीकी , चीनी , जापानी पंजाबी आदि ।
काल नया , पुराना , ताजा , प्राचीन , अगला , पिछला , मौसमी , आगामी आदि ।
आयु युवा , वृद्ध , बाल , किशोर आदि ।
स्पर्श कोमल , कठोर , मुलायम , खुरदरा , नरम , ठंडा , गर्म आदि ।
स्वाद खट्टा , मीठा , नमकीन , चटपटा , कडवा , तीखा आदि ।


2. संख्यावाचक विशेषण :-

जिन शब्दों द्वारा संज्ञा या सर्वनाम की संख्या संबंधी विशेषता बतायी जाए , उन्हें संख्यावाचक विशेषण कहते हैं ,
उदाहरण :- -
पांच आम ।
कुछ घोड़े ।
तीसरा मकान ।
सब लड़के ।

संख्यावाचक विशेषण के दो भेद हैं -

(a) निश्चित संख्यावाचक :-

इस विशेषण से व्यक्ति यार वस्तु की निश्चित संख्या का बोध होता है ।
इसे निम्नलिखित भागों में विभाजित किया जा सकता है -

गणनावाचक एक , दो , तीन , चार , पांच आदि ।
क्रमवाचक पहला , दूसरा , तीसरा , चौथा आदि ।
आवृतिवाचक दुगना , तिगुना , चौगुना , सौगुना , हजारगुना आदि ।
समुदायवाचक दोनों , तीनों , चारों , पांचों , दसों बीसों आदि ।
प्रत्येक सूचक प्रत्येक , हर एक , दो दो , आधा आधा , हर छठे आदि ।

(b) अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण :-

जिन संख्यावाचक विशेषण शब्दों से निश्चित संख्या का बोध नहीं होता , उन्हें अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं ,
उदाहरण :- -
कुछ लोग ।
थोड़े से फल ।
बहुत से रुपये ।


3. परिमाणवाचक विशेषण :-

जो विशेषण किसी वस्तु की माप या तौल संबंधी विशेषता बताते हैं , उन्हें परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं ।

इसके दो भेद है

(a) निश्चित परिमाणवाचक :-

इससे निश्चित माप या तौल का बोध होता है ,
उदाहरण :-
तीन मीटर कपड़ा ।
एक किलो दूध ।
दो सौ किलोमीटर की दूरी ।
दस बीघा जमीन आदि ।


(b) अनिश्चित परिमाणवाचक :-

इससे निश्चित माप यार तौल का बोध नहीं होता है ।
उदाहरण :-
थोड़ा पानी ।
कुछ मिठाई ।
दस पंद्रह मीटर कपड़ा ।
पूरा आनंद , सब कुछ आदि ।


4. सार्वनामिक विशेषण :-

जो सर्वनाम शब्द ( पुरुषवाचक और निजवाचक सर्वनाम को छोड़कर ) संज्ञा से पूर्व आते हैं , उन्हें सार्वनामिक विशेषण कहते हैं
उदाहरण :-
यह पुस्तक अच्छी है ।
वह घोड़ा अच्छा है ।
वह खिलाड़ी , ये घोड़े ।
ऐसा आदमी आदि ।

विशेष्य :-

जिस शब्द की विशेषता बतायी जाए उसे विशेष्य कहते हैं ,
उदाहरण :- काला घोड़ा , लंबा आदमी आदि ।
यहां काला एवं लंबा विशेषण है तथा घोड़ा और आदमी विशेष्य है ।


प्रविशेषण :-

जो शब्द विशेषण शब्दों की विशेषता बताते हैं , उन्हें प्रविशेषण कहते हैं ।
उदाहरण :-
राम बहुत सुंदर लड़का है ।
कश्मीरी सेव सिंदूरी लाल होता है ।
यहां सुंदर और लाल शब्द विशेषण है और बहुत तथा सिंदूरी शब्द विशेषण शब्दों की विशेषता बताते है अतः प्रविशेषण है ।

विशेषण शब्दों की रचना :-

(a) मूल विशेषण :-

कुछ शब्द मूल रूप में ही विशेषण होते हैं । उदाहरण :- काला , गोरा , बड़ा , मोटा , पतला , योग्य , सुंदर आदि ।


(b) यौगिक विशेषण :-

कुछ विशेषण संज्ञा , सर्वनाम , क्रिया शब्दों में प्रत्यय लगाकर बनते हैं इन्हें यौगिक विशेषण कहा जा सकता है । उदाहरण :- वर्ष - वार्षिक , दया - दयालु , इतिहास - ऐतिहासिक आदि ।

कुछ प्रचलित योगिक विशेषण :-

संज्ञा शब्द विशेषण
अलंकार अलंकारिक
अर्थ आर्थिक
अंश आंशिक
इतिहास ऐतिहासिक
बल बली
विदेश विदेशी
भारत भारतीय
दान दानी
कपट कपटी
क्षेत्र क्षेत्रीय
केंद्र केंद्रीय
साहित्य साहित्यिक
नमक नमकीन
रस रसीला
रोग रोगी
अधिकार अधिकारी
ज्ञान ज्ञानी
विरोध विरोधी
दैव दैविक
न्याय न्यायिक
पुराण पौराणिक
पक्ष पाक्षिक
मास मासिक
विज्ञान वैज्ञानिक
कल्पना काल्पनिक
वेद वैदिक
लोक लौकिक
रंग रंगीला
आदर आदरणीय
देह दैहिक
नगर नागरिक
उद्योग औद्योगिक
श्रद्धा श्रद्धालु
कुल कुलीन
स्वर्ण स्वर्णिम
समाज सामाजिक
रस रसिक
भोग भोगी
पुत्र पुत्रवती
रूप रूपवती
चमक चमकीला
इच्छा ऐच्छिक
सभा सभ्य
चाय चायवाला
अपमान अपमानित
वर्ष वार्षिक
कृपा कृपालु
गुण गुणवान
ध्वनि ध्वनित
ग्राम ग्रामीण
रूप रूपवान
दया दयालु
जाति जातीय
धर्म धार्मिक


विशेषणों की तुलना :-

दो वस्तुओं के गुणों और अवगुणों के मिलान को तुलना कहते है । तुलना की दृष्टि से विशेषण की तीन अवस्थाएं होती है ।
1. मूल अवस्था
2. उत्तर अवस्था
3. उत्तम अवस्था


1. मूल अवस्था :-

इसमें किसी व्यक्ति या वस्तु की सामान्य विशेषता बताई जाती है ,
उदाहरण :- राम सुंदर है ।


2. उत्तर अवस्था :-

इसमें दो व्यक्तियों या वस्तुओं की तुलना करके एक की अधिकता या न्यूनता बताई जाती है
उदाहरण :- राम मोहन से सुंदर है ।


3. उत्तम अवस्था :-

इसमें दो से अधिक व्यक्तियों या वस्तुओ की तुलना करके किसी एक को सबसे अधिक या न्यून बताया जाता है ,
उदाहरण :- राम सबसे सुंदर है ।

विशेषण की तीन अवस्थाओं के कुछ उदाहरण -

मूल अवस्था उत्तरा अवस्था उत्तम अवस्था
लघु लघुतर लघुतम
कोमल कोमलतर कोमलतम
निम्न निम्नतर निम्नतम
सुंदर सुंदरतर सुंदरतम
उच्च उच्चतर उच्चतम
अधिक अधिकतर अधिकतम
योग्य योग्यतर योग्यतम
सरल सरलतर सरलतम
कठोर कठोरतर कठोरतम
मधुर मधुरतर मधुरतम
न्यून न्यूनतर न्यूनतम
निकट निकटतर निकटतम
विशाल विशालतर विशालतम
मृदु मृदुतर मृदुतम
तीव्र तीव्रतर तीव्रतम
निर्बल निर्बलतर निर्बलतम
बलिष्ठ बलिष्ठतर बलिष्ठतम


परीक्षा उपयोगी महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर :-

1." राम अच्छा लड़का है" वाक्य में रेखांकित शब्द है
गुणवाचक विशेषण ✔
संख्यावाचक विशेषण
परिमाणवाचक विशेषण
सार्वनामिक विशेषण

2. "अलका का सुग्गा हरा है ।" इस वाक्य में हरा शब्द कौन सा विशेषण है ?
प्रविशेषण
विधेय विशेषण ✔
सार्वनामिक विशेषण
विशेष्य विशेषण

3. "मंगल" संज्ञा से विशेषण बनेगा
मांगल
मंगलिक
मांगलिक ✔
मांगलेय

4. " सा , सी , से " का प्रयोग किसका बोध कराने के लिए किया जाता है ?
सा , सी , से का प्रयोग व्याकरण में समानता का बोध कराने अथवा तुलनात्मक विशेषण के लिए किया जाता है ,
उदाहरण :-
उसका सागर सा विस्तृत हृदय है ।
बच्चों का मन फूल सा कमल है ।
उनकी वाणी में चंद्रज्योत्सना सी शीतलता है ।
तुझ सी बातूनी लड़की मैंने कहीं नहीं देखी ।
वह गंगाजल सा निर्मल मन वाला व्यक्ति है ।
उसके दांत मोतियों से चमकते हैं ।
दूध से सफेद आपके वस्त्र हैं ।

नीचे लिखे शब्दों का प्रयोग वाक्यों में कीजिए
प्यारे प्यारे , पके पके , लंबे लंबे , कोमल कोमल , गोल गोल

प्यारे प्यारे :- बच्चों के प्यारे प्यारे बोल मनमोहक होते है ।
पके पके :- पेड़ों पर पके पके आम लटके हुए हैं ।
लंबे लंबे :- बच्ची के लम्बे - लम्बे बाल कितने अच्छे है ।
कोमल कोमल :- अब पौधे में कोमल कोमल पत्तियां निकल आई है ।
गोल गोल :- रधिया ने अपनी गोल गोल आंखें नचाकर कुछ संकेत किया ।

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