1. उच्च न्यायालय ( अनुच्छेद 214 से 231 ) :-
अनुच्छेद 214 :-
प्रत्येक राज्य के लिए एक उच्च न्यायालय होगा ।
अनुच्छेद 231 :-
दो या दो से अधिक राज्यों के लिए एक ही उच्च न्यायालय हो सकता है ।
1861 का भारतीय उच्च न्यायालय अधिनियम :-
इसके तहत 1862 में तीन उच्च न्यायालय का गठन किया गया -
1. 1861 - कोलकाता ( प्रथम उच्च न्यायालय ) ,मद्रास , बॉम्बे ।
2. 1866 में देश के सबसे बड़े इलाहाबाद उच्च न्यायालय का गठन हुआ ।
3. एकमात्र केंद्र शासित प्रदेश जिसके पास अपना उच्च न्यायालय था, वह 1966 में गठित दिल्ली उच्च न्यायालय है ।
4. 2013 में गठित उच्च न्यायालय -
22 - मणिपुर
23 - मेघालय
24 - त्रिपुरा ।
5. 2019 तक कुल उच्च न्यायालयो की संख्या 25 हैं तथा 25 वा उच्च न्यायालय अमरावती उच्च न्यायालय ( आंध्र प्रदेश ) है ।
अनुच्छेद 215 :-
सुप्रीम कोर्ट के तहत उच्च न्यायालय एक अभिलेख न्यायालय हैं और सभी अधीनस्थ न्यायालय का यह कर्तव्य है कि वह उच्च न्यायालय के निर्णयों का पालन करें ।
अनुच्छेद 216 :-
उच्च न्यायालय की संरचना एवं गठन ।
उच्च न्यायालय में एक मुख्य न्यायाधीश व अन्य न्यायाधीश होते हैं तथा उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है ।
अनुच्छेद 217 :-
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा राज्यपाल की सलाह से की जाती है तथा अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की सलाह से की जाती हैं ।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की योग्यताएं :-
वह भारत का नागरिक हो ।
वह 62 वर्ष से कम आयु का हो ।
वह 10 वर्ष न्यायाधीश के पद पर रहा हो या उसने उच्च न्यायालय में 10 वर्ष तक वकालत की हो ।
अनुच्छेद 219 :-
उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को शपथ ।
यह शपथ राज्यपाल द्वारा दिलाई जाती है ।
अनुच्छेद 220 :-
उच्च न्यायालय का न्यायाधीश सेवानिवृत्त होने के बाद सर्वोच्च न्यायालय के अलावा कहीं भी वकालत नहीं कर सकता ।
अनुच्छेद 226 :-
उच्च न्यायालय की रिट जारी करने की शक्ति ।
अनुच्छेद 230 :-
उच्च न्यायालय में सभी भर्तियां मुख्य न्यायाधीश द्वारा संचालित की जाती है ।
2. जिला न्यायालय :-
अनुच्छेद 233 :-
राज्य के प्रत्येक जिले में जिला न्यायालय का प्रावधान किया गया है जिसमें एक जिला मुख्य न्यायाधीश तथा अन्य न्यायाधीश सम्मिलित होते हैं जिला न्यायाधीश की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की सलाह से की जाती है ।
अनुच्छेद 234 :-
न्यायिक सेवाओं में सभी भर्तियां राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा करवाई जाती है ।
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