संभाजी महाराज बलिदान दिन कब और कैसे मनाया जाता है ?

संभाजी महाराज बलिदान दिन कब और कैसे मनाया जाता है

संभाजी महाराज, मराठा साम्राज्य के चौथे शासक छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र थे। उनके बलिदान दिन को भारत में "संभाजी महाराज शहादत दिवस" या "संभाजी जयंती" के रूप में मनाया जाता है। यह दिन प्रतिवर्ष 11 मार्च को आता है और उनके जीवन और बलिदान को याद करने का अवसर है।

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संभाजी महाराज के बलिदान दिन को भारत में "संभाजी महाराज शहादत दिवस" या "संभाजी जयंती" के रूप में मनाया जाता है। यह दिन प्रतिवर्ष 11 मार्च को आता है और उनके जीवन और बलिदान को याद करने का अवसर है। यह दिन उनकी महिमा, वीरता और धर्मनिष्ठा को समर्पित होता है।

संभाजी महाराज के बलिदान दिन को मनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इनमें शामिल हो सकते हैं :-

  • 1. स्मारकों की यात्रा: लोग संभाजी महाराज के स्मारकों को यात्रा करते हैं और वहां फूल, धूप, और गर्मियों से सजावट करते हैं।
  • 2. साहित्यिक कार्यक्रम: संभाजी महाराज के बारे में कविताएँ, कथाएँ और नाटकों का आयोजन किया जाता है। इसमें विशेष व्यक्तित्व, इतिहास और धर्म से संबंधित कथाएं होती हैं।
  • 3. वीर गाथा गायन: गायकों द्वारा संभाजी महाराज के वीरता और साहस को याद करते हुए वीर गाथाएं गाई जाती हैं।
  • 4. धार्मिक पाठशाला: संभाजी महाराज के जीवन और धर्म के बारे में शिक्षा देने के लिए धार्मिक पाठशाला का आयोजन किया जाता है।
  • 5. समारोह: संभाजी महाराज के बलिदान दिन पर समारोह आयोजित किए जाते हैं, जिनमें लोग उनकी महिमा को समर्पित होते हैं और उनके योगदान को सम्मानित करते हैं।

इन कार्यक्रमों के अलावा, लोग स्थानीय स्त्री और पुरुष मंडलों द्वारा दान, वृत्तवान्त, यात्राएँ और सेवा-कार्य में भी शामिल हो सकते हैं। इन सभी कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य संभाजी महाराज के जीवन, बलिदान और वीरता को याद रखना और उनकी महिमा को समर्पित करना है।

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