रेशे प्रदान करने वाले पौधे और वनस्पति विज्ञान की शाखाएँ

रेशे प्रदान करने वाले पौधे :-

हिबिस्कस -

इसकी पत्तियों से (कैनम) पटसन प्राप्त होता है।

कैनाविस -

इनके तने से हेम्प नामक रेशा प्राप्त होता है।

जूट/कोरकोरस -

इसके तने से जूट प्राप्त होता है। इसे (स्वर्ण) Golden रेशा भी कहते हैं।

नारियल/ कल्प वृक्ष -

वैज्ञानिक नाम-कोकस न्यूसिफेरा। इससे कोइर रेशा प्राप्त होता है। यह रेशा फलभित्ति से प्राप्त होता है।

कपास (गॉसिपियम हिरसुटम) :-

इसके रेशे की कॉटन फाइबर प्राप्त होते हैं। यह बीजों से प्राप्त होता है।

क्रोटोलेरिया -

इसके तने से सनहैम्प प्राप्त होता हैं ।

सेकरेम मूंजा -

इसके तने से मूंज नामक रेशा प्राप्त होता है।

साइकस -

इससे साबुदाना प्राप्त होता है। इसको Sagopam भी कहते हैं।
इसके बीजाण्ड पादप जगत में सबसे बड़े होते हैं।

पाइनस (चीड) -

पाइनस के तने से तारपीन का तेल प्राप्त होता है। इसके बीज चिलकौजा कहलाते हैं।
पाइनस के परागकण पीले बादलों के रूप में छा जाते हैं जिसे गंधक वर्षा/ पीत वर्षा कहते हैं।

जुनीपेरस -

इससे Sedar-Wood ऑयल प्राप्त होता है जो सूक्ष्मदर्शी में काम में लिया जाता है।

टेक्सस -

इसकी छाल से टेक्सोल प्राप्त होता है। जो कैंसर रोधी में उपयोगी है।

देवदार -

इससे फर्नीचर बनाया जाता है।

इफ्रिडा-

इससे इफ्रेडीन नामक दवा प्राप्त होती है। यह दमा में उपयोगी दवा है।

गिन्को बाइलोवा -

इसको 'मेडन हेयर ट्री' भी कहते हैं । इसको Living Fossile भी कहते हैं।
सबसे लम्बा आवृत बीजी पौधा युकेलिप्टस
सबसे छोटा आवृत बीजी पादप
1. लेम्ना
2. वुल्फिया

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वनस्पति विज्ञान की शाखाएँ ( Branches of Botany ) :-

एल्गोलोजी :-

शैवालों का अध्ययन ।

एनॉटोमी :-

आंतरिक संरचना का अध्ययन ।

बैक्टीरियोलोजी :-

जीवाणुओं का अध्ययन ।

साइटोलॉजी :-

कोशिकाओं का अध्ययन ।

डेन्ड्रोलोजी :-

वृक्षों व झाड़ियों का अध्ययन ।

ईकोलोजी :-

पौधों का वातावरण से संबंध का अध्ययन ।

एप्ब्रियोलोजी :-

युग्मकों के निर्माण, निषेचन व भ्रूण के परिवर्धन का अध्ययन ।

हेरिडिटी :-

पैतृक लक्षणों का संतती में पहुंचने का अध्ययन ।

यह भी पढ़े सौर मण्डल और इनके ग्रहों की महत्वपूर्ण जानकारी

हिस्टोलोजी :-

ऊतकों का अध्ययन ।

लाइकेनोलोजी :-

लाइकेन्स का अध्ययन ।

माइक्रोबायलोजी :-

सूक्ष्मजीवों का अध्ययन ।

मार्फोलोजी :-

पादपों का आकारिय संरचना का अध्ययन ।

पैथोलोजी :-

पादप व रोगों के उपचार का अध्ययन ।

फिजियोलोजी :-

विभिन्न पादप जैविक क्रियाओं का अध्ययन ।

टेक्सोनोमी :-

पादप वर्गीकरण का अध्ययन ।

टिश्यु कल्चर :-

कृत्रिम माध्यम पर ऊतकों का संवर्धन ।

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